Pandit dakait
जब चित्तौड़गढ़ पर मुगल आधिपत्य स्थापित हो गया, तब मेवाड़ के गाड़िया लोहारों ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप व उनकी सेना के लिए हथियार बनाने शुरू कर दिए और प्रतिज्ञा ली कि जब तक चित्तौड़गढ़ मुगलों की अधीनता से मुक्त नहीं हो जाता, तब तक वे घुमक्कड़ जीवन व्यतीत करेंगे। इस प्रण को गाड़िया लोहार आज तक निभा रहे हैं।